बुधवार, 22 अप्रैल 2009

बढती उम्र और बुढापा रोका जा सकता है


यह एक आम अनुभव है की उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारी कुछ क्षमताएं कम होने लगती हैं. पर अब वैज्ञानिक और विशेषज्ञ ऐसे उपायों की खोज में लगे हैं जिनके कारण कुछ लोग अस्सी वर्ष की आयु के बाद भी चुस्त और तंदुरुस्त बने रहते हैं; वहीँ कुछ कम उम्र के लोग भी समय से पहले ही बूढे और कमज़ोर दिखने लगते हैं. यहाँ कई नई रिसर्च से समेटी गई कुछ ऐसी जानकारियां हैं जो आपके जीवन में सक्रियता से भरे कई और साल जोड़ सकती हैं.

1.
ज्यादा मत खाइए : ओकिनावा (जापान) ------ जो की दुनिया में सबसे ज्यादा जीने वालों का घर माना जाता है ------ में पाया गया की सौ वर्ष से ज्यादा जीने वाले सभी लोग जीवनभर भूख से कुछ कम ही आहार लेते रहे हैं. औसतन ये लोग 80% पेट भर जाने पर ही खाना रोक दिया करते हैं. इनके कम भोजन और अधिक जीने में गहरा संबंध है : सेंट लुईस विश्वविद्यालय के एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया की कम भोजन और अधिक व्यायाम दोनों ही वजन कम करने में एक से असरदार हैं. पर कम भोजन करना एक और प्रभाव द्वारा आपका वज़न कम करता है. भूख से कम भोजन आपकी थाईराइड ग्रंथियों में T3 हारमोन का उत्पादन कम कर देता है, यही हारमोन आपके शारीर में चर्बी जलाने की क्षमता को कम करता है. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है की शरीर में T3 के कम उत्पादन से बूढे होने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है.

2.
अपना दिमाग दौड़ाएं : डॉ. गाउला, जिन्होंने अस्सी की उम्र के बाद भी दिमागी रूप से चुस्त दुरुस्त लोगों पर शोध करके पाया है की, उम्र के नवें दशक में भी मनोवैज्ञानिक परीक्षणों में पचास वर्ष के लोगों जैसा ही प्रदर्शन करने वाले वृद्धों की मस्तिष्कीय संरचना में कम गठानें पड़ी होती हैं ------यह मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्सों में प्रोटीन का अनावश्यक जमाव है, जिसे अल्जाइमर से जोड़कर देखा जाता है ------ इससे संकेत मिलता है इनके मष्तिष्क में कोई ऐसी सुरक्षा प्रणाली काम कर रही है जो आम लोगों में नहीं होती. बहरहाल, वैज्ञानिक जब तक इस पहेली को सुलझाएं आप अपने मस्तिष्क को बचाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. कोई विदेशी भाषा सीखें, गिटार, सितार या बांसुरी बजाना शुरू कर दें ------ यहाँ तक की नई गलियों और अनजाने रास्तों में वाहन चला कर रास्तों को याद करना भी आपके दिमाग की धीमी मौत रोक सकता है.

3.
अंगूर से स्नान : आप में से कुछ लोगों ने शायद रिवर्सीटॉल के बारे में सुना हो. यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो लाल अंगूर में पाया जाता है, शोध निष्कर्ष संकेत देते हैं की रिवर्सीटॉल भी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है. अभी हाल में ही हुए अध्ययनों में पाया गया है की जिन चूहों को रिवर्सीटॉल की भरपूरमात्रा दी गई उनकी हड्डियाँ अपेक्षाकृत ज्यादा मजबूत थीं उनके शारीर और मस्तिष्क के बीच ज्यादा अच्छा तालमेल था और उनमे दिल की बीमारी, शारीर में सूजन, मोतियाबिंद जैसी 'बुढापे की बीमारियां' कम देखी गईं. वैज्ञानिक बिरादरी ने अभी यह पूरी तरह नहीं माना है की रिवर्सीटॉल मनुष्यों पर भी उतनी ही कारगर हो सकती है, पर न्यूट्रीशनिस्ट्स का मानना है की लाल अंगूरों में वास्तव में स्वस्थ्य का खजाना छिपा हुआ है.

4.
चर्बी बढ़ने ना दें : पिछले वर्ष प्रकाशित हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने तीस सालों तक 6583 लोगों पर नज़र रखने के बाद पाया की बढ़ी हुई तोंद बुढापे में याददाश्त चले जाने (डेमेंटिया) के खतरे को तीन सौ प्रतिशत तक बढा सकती है.

5.
शाकाहारी बनें : सौ वर्ष से ज्यादा जीने वालों के अध्ययन में पाया गया की उनमे से सभी लोग मांस का कम से कम प्रयोग करने वाले या पूर्ण शाकाहारी हैं, इन लोगों के आहार में सब्जी, फलों और सूखे मेवे का प्रतिशत काफी अधिक है.

4 टिप्‍पणियां:

  1. स्वास्थ्य सम्बन्धी बहुत बढ़िया जानकारी ! आपके बताई बातों पर अमल करेंगे !

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  2. महत्वपूर्ण जानकारी...बूढे और जवान सबके लिए...शुक्रिया.
    नीरज

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  3. बढिया जानकारी मिली ... धन्‍यवाद।

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  4. अच्छा लिखा है आपने और सत्य भी , शानदार लेखन के लिए धन्यवाद ।

    मयूर दुबे
    अपनी अपनी डगर

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